Hindi Kavita : BHARAT © हिन्दी कविता : भारत
भारत लो भारत का नाम शान से , कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से | नही करो तुम बिहार-बंगाल , सब है भारत के ही खाल ! यह है एक एैसी स्वदेशी जाल , अलग करने के लिए न काँटो डाल | लो भारत का नाम शान से , कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से | बड़ाने के लिए भारत की शान , अब दिखाना हे कोई चमत्कारी विग्यान ! नही दिखाना हे अब किसी को आन् , सिर्फ भारत को बनाना हे न० वन् | लो भारत का नाम शान से , कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से | रहना है तुम्हे खेल में भी आगे , तुम्हारे रिकार्ड से सब पीछे भागे ! मारना हे तुम्हे छक्के पे छक्का , ओर विपच्छी को देना है धक्का | लो भारत का नाम शान से , कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से | देखना लगं न पाँए भारत पर दाँग , पनप न पाँए कोई विदेशी नाँग ! खत्म कर देना हे उस नेता