Hindi Kavita : BHARAT © हिन्दी कविता : भारत
भारत
लो भारत का नाम शान से ,
कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से |
नही करो तुम बिहार-बंगाल ,
सब है भारत के ही खाल !
यह है एक एैसी स्वदेशी जाल ,
अलग करने के लिए न काँटो डाल |
लो भारत का नाम शान से ,
कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से |
बड़ाने के लिए भारत की शान ,
अब दिखाना हे कोई चमत्कारी विग्यान !
नही दिखाना हे अब किसी को आन् ,
सिर्फ भारत को बनाना हे न० वन् |
लो भारत का नाम शान से ,
कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से |
रहना है तुम्हे खेल में भी आगे ,
तुम्हारे रिकार्ड से सब पीछे भागे !
मारना हे तुम्हे छक्के पे छक्का ,
ओर विपच्छी को देना है धक्का |
लो भारत का नाम शान से ,
कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से |
देखना लगं न पाँए भारत पर दाँग ,
पनप न पाँए कोई विदेशी नाँग !
खत्म कर देना हे उस नेता को ,
जो नष्ट कर रहा हे भारत माँता को |
लो भारत का नाम शान से ,
कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से |
लेखक : असीम कुमार नायक
( ASIM KUMAR NAYAK)
लो भारत का नाम शान से ,
कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से |
नही करो तुम बिहार-बंगाल ,
सब है भारत के ही खाल !
यह है एक एैसी स्वदेशी जाल ,
अलग करने के लिए न काँटो डाल |
लो भारत का नाम शान से ,
कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से |
बड़ाने के लिए भारत की शान ,
अब दिखाना हे कोई चमत्कारी विग्यान !
नही दिखाना हे अब किसी को आन् ,
सिर्फ भारत को बनाना हे न० वन् |
लो भारत का नाम शान से ,
कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से |
रहना है तुम्हे खेल में भी आगे ,
तुम्हारे रिकार्ड से सब पीछे भागे !
मारना हे तुम्हे छक्के पे छक्का ,
ओर विपच्छी को देना है धक्का |
लो भारत का नाम शान से ,
कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से |
देखना लगं न पाँए भारत पर दाँग ,
पनप न पाँए कोई विदेशी नाँग !
खत्म कर देना हे उस नेता को ,
जो नष्ट कर रहा हे भारत माँता को |
लो भारत का नाम शान से ,
कह रहाँ हुँ तुम नौजवान से |
लेखक : असीम कुमार नायक
( ASIM KUMAR NAYAK)
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